ना तो घर से दूर जाना अच्छा लगता ।
ना ट्रेन का सफर ।
और न ही इस शहर की परिस्थितियाँ ।
पर जाते वक़्त आशीर्वाद देती हुई माँ का चेहरा
और
सफ़र में अच्छे से जाने को मोबाइल पर समझाती तुम्हारी आवाज़।
कुछ चीज़ें अब भी अच्छी है ।।
ना तो घर से दूर जाना अच्छा लगता ।
ना ट्रेन का सफर ।
और न ही इस शहर की परिस्थितियाँ ।
पर जाते वक़्त आशीर्वाद देती हुई माँ का चेहरा
और
सफ़र में अच्छे से जाने को मोबाइल पर समझाती तुम्हारी आवाज़।
कुछ चीज़ें अब भी अच्छी है ।।
कितना मुश्किल होता है
किसी और के लिए आसां होना ।
कितना आसां हो जाता है सब ,
मुश्किलों में बस माँ का होना ।।
#Abvishu